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राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस 2025: आईजीयू में तकनीकी नवाचारों की गूंज।

Published on: 16 Sep 2025

राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस 2025: आईजीयू में तकनीकी नवाचारों की गूंज। इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय मीरपुर, रेवाड़ी में कंप्यूटर साइंस एवं इंजीनियरिंग विभाग द्वारा राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस 2025 के अवसर पर "टैक होरिजन: टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन फॉर फ्यूचर" विषय पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम हरियाणा राज्य विज्ञान नवाचार एवं प्रौद्योगिकी परिषद (विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी निदेशालय, हरियाणा) द्वारा प्रायोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर असीम मिगलानी द्वारा की गई। कार्यक्रम का शुभारंभ मां शारदे के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि केंद्रीय विश्वविद्यालय, महेन्द्रगढ़ के कुलपति प्रोफेसर टंकेश्वर कुमार एवं मुख्य वक्ता राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC), नई दिल्ली से डॉ. सुशील गुप्ता एवं केंद्रीय विश्वविद्यालय, महेंद्रगढ़ से प्रोफेसर राकेश कुमार रहे। कुलसचिव प्रोफेसर दिलबाग सिंह ने मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्ताओं का स्वागत किया एवं स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया। कार्यक्रम में तकनीकी नवाचार, शोध और शिक्षा में प्रौद्योगिकी की भूमिका पर केंद्रित विचार-विमर्श हुआ। प्रोफेसर योगिता ने मुख्य अतिथि का परिचय प्रस्तुत किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रोफेसर टंकेश्वर कुमार ने प्रौद्योगिकी के माध्यम से समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि वर्तमान युग नवाचार और अनुसंधान का है और विश्वविद्यालयों को चाहिए कि वे विद्यार्थियों में अनुसंधान की प्रवृत्ति विकसित करें। उन्होंने विद्यार्थियों से आह्वान किया कि वे केवल उपभोक्ता न बनें, बल्कि तकनीकी समाधान देने वाले क्रिएटर और इनोवेटर बनने का प्रयास करें। प्रोफेसर टंकेश्वर ने "ग्लोबल इनोवेशन लीडर्स इंडिया" की अवधारणा पर भी प्रकाश डाला और कहा कि अर्थव्यवस्था और नवाचार गहरे रूप से जुड़े हुए हैं। ज्ञान से बेहतर अंतर्दृष्टि प्राप्त होती है, जो रचनात्मकता को बढ़ावा देती है। उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), मशीन लर्निंग और उच्च गति की तकनीकों को भविष्य की तकनीकी प्रगति के महत्वपूर्ण स्तंभ बताया। कुलपति प्रोफेसर असीम मिगलानी ने बिग डेटा एनालिटिक्स की शक्ति को पारंपरिक शिक्षण से आगे बढ़ने का माध्यम बताया। उन्होंने कहा कि माइक्रो मॉडर्न और स्केल इनोवेशन के माध्यम से डिजिटल डिवाइडर को पाटने की आवश्यकता है ताकि तकनीकी प्रगति का पर्यावरणीय प्रभाव संतुलित रह सके। उन्होंने यह भी बताया कि संस्थान में इस दिशा में निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं ताकि तकनीकी नवाचारों को बढ़ावा मिल सके। कुलसचिव प्रोफेसर दिलबाग सिंह ने स्टार्टअप्स और तकनीकी सहयोग को संस्थान की अकादमिक संस्कृति का हिस्सा बताया। अधिष्ठाता शैक्षणिक मामले प्रोफेसर सुनील कुमार ने डिजिटल इंडिया, इंडिया लिंक और स्वच्छ भारत मिशन जैसी पहलों की भूमिका पर प्रकाश डाला। कंप्यूटर साइंस विभाग अध्यक्ष प्रोफेसर सतिंदर बल गुप्ता ने सभी गणमान्य अतिथियों का स्वागत किया और चार प्रतियोगिताओं की जानकारी दी, जिनमें 100 से अधिक विद्यार्थियों ने भाग लिया। प्रोफेसर रितु बाजाज ने कौशल संवर्धन केंद्र के लिए सूचना पत्र जारी किया। तकनीकी सत्रों में मुख्य वक्ता डॉ. सुशील गुप्ता ने इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) की भूमिका को विस्तार पूर्वक बताते हुए उसके उपयोगों के बारे में जानकारी दी। मुख्य वक्ता प्रोफेसर राकेश कुमार ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) व मशीन लर्निंग (ML) के व्यावहारिक उपयोगों के बारे में बताते हुए उनको सकारात्मक तरीके से अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। कार्यक्रम में विभिन्न प्रतियोगिताओं के परिणाम में यह रहे: टेक्निकल क्विज में प्रथम स्थान पर निशा व भोजराज, द्वितीय सचिन व दिव्या, तृतीय स्थान पर विवेक व नितेश रहे। पोस्टर मेकिंग में प्रथम स्थान पर तुषार, द्वितीय स्थान पर निशा तृतीय पर संजना व भुवन रहे। मॉडल मेकिंग में प्रथम हर्ष वर्धन, मनस्वी, हिमांशु, द्वितीय साक्षी, संध्या, वर्षा व तृतीय स्थान पर अनामिका, महक, वन्या, हिमांशी, दीक्षा, सुषमा रहे। PPT प्रेजेंटेशन में प्रथम अंजना व रशीका, द्वितीय प्रिया कौशिक, तृतीय स्थान पर प्रज्ञा शर्मा रहे। कार्यक्रम का संचालन कंप्यूटर साइंस विभाग की सहायक प्रोफेसर डॉ. संगीता द्वारा किया गया। प्रोफेसर सविता कुमारी श्योराण ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। इस अवसर पर प्रोफेसर पंकज कुमार त्यागी, परीक्षा नियंत्रक डॉ. विपुल यादव, प्रोफ़ेसर दीपक गुप्ता, डॉ. मुकेश यादव, डॉ. सुनील कुमार, डॉ. विपिन कुमार, प्रो. दीपक गुप्ता, वित्त अधिकारी श्री अनिल कुमार, उप-निदेशक (लेखा शाखा), सहित शिक्षक, गैर-शिक्षक कर्मचारी, शोधार्थी एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे। यह आयोजन तकनीकी नेतृत्व, नवाचार और रचनात्मकता को प्रोत्साहित करने वाला प्रेरणादायक मंच साबित हुआ।