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मनोविज्ञान विभाग द्वारा विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस पर नुक्कड़ नाटक एवम जागरूकता रैली का आयोजन।

Published on: 10 Sep 2025

*मनोविज्ञान विभाग द्वारा विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस पर नुक्कड़ नाटक एवम जागरूकता रैली का आयोजन।* इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय, मीरपुर, रेवाड़ी के मनोविज्ञान विभाग एवम नेशनल टास्क फ़ोर्स द्वारा विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस के अवसर पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें विश्वविद्यालय के शिक्षकों, शोधार्थियों एवं विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। कार्यक्रम की शुरुआत अधिष्ठाता बिहेव्यरल एंड कॉग्निटिव साइंसेज एवं विभागाध्यक्ष डॉ. बिजेंद्र सिंह एवम नेशनल टास्क फ़ोर्स नोडल अधिकारी डॉ. संदीप कुमार ने की। विश्वविद्यालय परिसर में आत्महत्या रोकथाम और मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता के लिए विद्यार्थियों द्वारा एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम की विशेषता यह रही कि विद्यार्थियों ने विश्वविद्यालय के विभिन्न भवनों जैसे यूआईटी बिल्डिंग, विवेकानंद भवन एवम राव तुला राम भवन में नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किए। इन नाटकों के माध्यम से विद्यार्थियों ने भावनात्मक और सशक्त संदेश दिया कि कठिन परिस्थितियों में संवाद, सहयोग और सकारात्मक सोच जीवन को नई दिशा दे सकते हैं। नाटकों की कथावस्तु ने यह स्पष्ट किया कि छोटी-छोटी समस्याओं को साझा कर समय रहते मदद लेना आत्महत्या जैसी गंभीर प्रवृत्तियों को रोकने में अत्यंत सहायक सिद्ध हो सकता है। पूरे दिन विभिन्न स्थानों पर प्रस्तुत किए गए इन नुक्कड़ नाटकों ने विद्यार्थियों, अध्यापकों और कर्मचारियों को गहराई से प्रभावित किया। इसी के साथ विद्यार्थियों ने रैली के माध्यम से लोगों को आत्महत्या से निपटने के लिए जागरूक किया, जिसकी अगुवाई विभाग सदस्य डॉ. संदीप कुमार, डॉ. सतीश कुमार व श्री रोहित कुमार ने की। रैली और पोस्टरों ने वातावरण को ऊर्जा और जागरूकता से भर दिया, वहीं नाटकों ने लोगों के मन-मस्तिष्क को छूते हुए यह संदेश दिया कि मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल समाज के प्रत्येक व्यक्ति की सामूहिक जिम्मेदारी है। अंत में धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत करते हुए आयोजन समिति ने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य को लेकर समाज में फैली झिझक और भ्रांतियों को दूर करना ही इस तरह के आयोजनों का मुख्य उद्देश्य है। विभाग ने आश्वासन दिया कि भविष्य में भी इस प्रकार के कार्यक्रम निरंतर आयोजित किए जाते रहेंगे ताकि युवाओं और समाज में आत्महत्या रोकथाम के प्रति जागरूकता फैलाई जा सके।